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लेख
आइटम्स की संख्या: 116
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
लैलतुल क़द्र - एक महानतम रातः साल भर की रातों में श्रेष्ठतम और महानतम रात जिस में अल्लाह तआला ने अगना उत्तम कलाम क़ुर्आन अपने श्रेष्ठतम पैग़म्बर पर अवतरित किया, एक ऐसी रात जो 83 वर्ष से भी अधिक उच्चतर। आईये, खोजें कौन सी है यह रात और कैसे प्राप्त करें इसका सौभाग्य
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
एतिकाफ के इच्छुकों के लिए एक लाभप्रद और महत्वपूर्ण लेखः इस लेख में एतिकाफ का अर्थ, उसकी वैद्धता, उसका हुक्म़, उसकी फज़ीलत, उसका समय एंव स्थान, उसकी शर्तों, उसके उद्देश्य और उस से प्राप्त होने वाले लाभ का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में उल्लेख किया गया है कि एक मुसलमान को रमज़ान जैसे महान और शुभ महीने का स्वागत किस प्रकार करना चाहिए और किस तरह इस से लाभ उठाना चाहिए।
- हिन्दी लेखक : आदिल बिन अली अश्शद्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में रमज़ान के महीने में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यवहार का उल्लेख निम्न बिन्दुओं में किया गया हैः 1-रोज़े की अनिवार्यता. 2-इस महीने में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अधिक से अधिक उपकसना करना. 3-रमज़ान महीने के सबूत और उस से निकलने में आप का तरीक़ा. 4- सेहरी और इफ्तार में आप का तरीक़ा. 5-रोज़ेदार के शिष्टाचार. 6-रमज़ान में यात्रा करने में आप का व्यवहार. 7-भूल कर खाने या पीने वाले की बाबत आप का व्यवहार. 8-रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ें. 9- एतिकाफ में आप का तरीक़ा।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में उल्लेख किया गया है कि शाबान के महीने की क्या फज़ीलत है, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम विशिष्ट रूप से इस महीने में क्या कार्य करते थे, तथा 15वीं शाबान की रात का जश्न मनाने, विशिष्ट इबादतें करने, उस दिन रोज़ा रखने, तथा आधे शाबान के बाद रोज़ा रखने, रमज़ान से एक-दो दिन पूर्व रोज़ा रखने और शक्क के दिन में रोज़ा रखने के अह्काम स्पष्ट किए गए हैं।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रजब के महीने को अन्य महीनों पर कोई विशेषता नहीं प्राप्त है, इसके बावजूद बहुत सारे मुसलमान विशेष रूप से इस महीने में ऐसी विभिन्न इबादतें करते हैं जिन का इस्लाम में कोई आधार नहीं है, और वह सारी चीज़ें बिद्आत की गणना में आती हैं, जिन से बचाव करना अनिवार्य है। इस लेख में रजब के महीने में की जाने वाली बिदआत का उल्लेख करते हुए खण्डन किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम के शत्रु निरंतर यह राग अलापते रहे हैं कि इस्लाम ने महिलाओं पर अत्याचार किया है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है। किन्तु यह मिथ्यारोप अतिशीघ्र ही निराधार होकर धराशायी हो जाता है जब हम इस बात से अवगत होते हैं कि इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने किस प्रकार महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है, समस्त परिस्थितियों उन के साथ न्याय किया है और उन्हें वो अधिकार प्रदान किये हैं जिनकी वह इस से पूर्व कल्पना भी नहीं कर सकती थी। यह लेख इन्हीं तत्वों को स्पष्ट करते हुये महिलाओं के साथ पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यवहार को प्रत्यक्ष करता है। .
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
वेलेंटाइन्स-डे की वास्तविकता और उसके विषय में इस्लामी दृष्टि कोण : हर वर्ष 14 फरवरी को विश्व भर मे धूम धाम से वेलेंटाइन्स-डे मनाया जाता है, किन्तु इसकी वास्तविकता क्या है और इसके विषय में इस्लामी दृष्टिकोण क्या है और एक मुसलमान के लिये इसको मनाना कैसा है, इस लेख में इन्हीं तत्वों को स्पष्ट किया गया है.
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मुहर्रमुल-हराम का महीना हुर्मत व अदब और प्रतिष्ठा वाला महीना है। इस महीने में आशूरा के दिन रोज़ा रखना मुस्तहब है जो पिछले एक वर्ष के गुनाहों का कफ्फारा हो जाता है। किन्तु अधिकांश मुसलमान इस से अनभिग हैं और इस महीने की हुर्मत को भंग करते हुए इसे शोक प्रकट करने, नौहा व मातम करने और सीना पीटने...आदि का महीना बना लिया है। यह लेख उपरोक्त तत्वों की वास्तविकता पर प्रकाश डालता है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
अल्लाह का महीना मुहर्रमुल-हराम एक महान और हुर्मत वाला महीना है, जिसे अल्लाह तआला ने आकाश एंव धरती की रचना करने के समयं ही से हुर्मत –सम्मान एंव प्रतिष्ठा- वाला घोषित किया है, तथा यह हिज्री-वर्ष का प्रथम महीना है। इस लेख में इस महीने की विशेषता तथा इस में करने योग्य कार्य का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी
इस लेख मे इस्लामी जन्त्री के अन्तिम महीने ज़ुल-हिज्जा के प्राथमिक दस दिनों की फज़ीलत तथा उन नेक कामों का उल्लेख किया गया है जिन्हें इन दिनों में करना उचित है। 1 - ज़ुल-हिज्जा के प्राथमिक दस दिनों की फज़ीलत। 2 – अरफा के दिन की फज़ीलत। 3- इन दस दिनों में करने योग्य कार्य। 4- हज्ज एंव उम्रा करना। 5- अधिक से अधिक अल्लाह का ज़िक्र करना। 6- क़ुर्बानी करना। 7- रोज़ा रखना। 8- फराईज़ एंव वाजिबात की पाबन्दी करना।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह एक संछिप्त महत्वपूर्ण लेख है जिस में रोज़े के हुक्म, रोज़े के विषय में लोगों के विभिन्न वर्ग, रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ों तथा रोज़े संबंधित कुछ लाभदायक बातों का उल्लेख किया हया है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुर्रहमान अल-जिब्रीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस महत्वपूर्ण लेख में कुछ रोज़ेदारों से होने वाली 20 ग़लतियों या कमियों पर चेतावनी दी गयी है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-ईदान अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : सिद्दीक़ अहमद संशोधन : जलालुद्दीन प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर दिया गया है किः क्या मनुष्य को धर्म की आवश्यकता है? चुनाँचे मनुष्य के जीवन में धर्म की आवश्यकता के कारणों का वर्णन करके यह सिद्ध किया गया है कि मनुष्य को मौलिक रूप से घर्म (इस्लाम) की आवश्यकता है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में उम्रा की फज़ीलत, उम्रा करने का उचित तरीक़ा तथा उस के विषय में प्रायः लोगों से होने वाली ग़लतियों पर चेतावनी का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी