अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह - किताबें
आइटम्स की संख्या: 82
- हिन्दी लेखक : मौलाना अब्दुल करीम पारीख अनुवाद : डाक्टर अब्दुल अज़ीज़ अब्दुर्रहीम अनुवाद : डाक्टर मुहम्मद नाहीद सिद्दीक़ी अनुवाद : मौलाना अब्दुल ग़फूर पारीख संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आसान क़ुर्आनिक कोशः क़ुर्आन करीम मानवता के नाम अल्लाह का अंतिम संदेश है जिसमें परलोक तक के लिए आने वाली मानवजाति के लिए सांसिरक जीवह में कल्याण, सफलता और सौभाग्या तथा परलोक में मोक्ष का मार्गदर्शन है। इसलिए सर्व मनुष्य के लिए इसके संदेश को समझना अति आवश्यक है जिसे उसके सृष्टा व पालनकर्ता ने भेजा है। प्रस्तुत पुस्तक हिंदी भाषियों को उनके पालनहार के अंतिम संदेश और मार्गदर्शन से अवगत कराने का एक सराहनीय प्रयास है। यह पुस्तक या कोश तीह भागों में विभाजित है, प्रथम भाग मे प्रति दिन पढ़ी जाने वाली छोटी सूरतों, नमाज़ की दुआओं, सुबह शाम ... इत्यादि की दुआओं का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। जबकि दूसरे भाग में बेसिक अरबी व्याकरण का उल्लेख किया गया है। तीसरे और अंतिम भाग में पूरे क़ुर्आन के कठिन शब्दों का अर्थ वर्णन किया गया है।
- हिन्दी लेखक : ज़ाकिर नायिक संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम और वैश्विक भाईचाराः इस पुस्तक में इस्लाम में एक ऐसे भाईचारा –बंधुत्व- पर चर्चा किया गया है जो सर्व मानवजाति को सम्मिलित है, जिसका आधार लिंग, या राष्ट्र, या रंग, या नस्ल . . . इत्यादि पर नहीं, बल्कि इसका आधार मात्र एक सृष्टा, एक परमेश्वर और एक पूज्य पर विश्वास रखने और केवल उसी की उपासना व आराधना करने पर आधारित है। इसके प्रथम भाग में उन तत्वों और कारणों का उल्लेख किया गया है जो वैश्विक भाईचारा के लिए आवश्यक अंश हैं, और यह केवल एकेश्वरवाद के आधार पर ही संभावित है जिसकी शिक्षा सभी धर्मों ने दिया है। इसके दूसरे भाग में इस्लाम और वैश्विक भाईचारा से संबंधित 14 प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत किए गए हैं। यह इ-बुक हिन्दी बलागर उमर केरानवी साहब का सुप्रयास है।