इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब - लेख
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- इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
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- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रजब के महीने को अन्य महीनों पर कोई विशेषता नहीं प्राप्त है, इसके बावजूद बहुत सारे मुसलमान विशेष रूप से इस महीने में ऐसी विभिन्न इबादतें करते हैं जिन का इस्लाम में कोई आधार नहीं है, और वह सारी चीज़ें बिद्आत की गणना में आती हैं, जिन से बचाव करना अनिवार्य है। इस लेख में रजब के महीने में की जाने वाली बिदआत का उल्लेख करते हुए खण्डन किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम के शत्रु निरंतर यह राग अलापते रहे हैं कि इस्लाम ने महिलाओं पर अत्याचार किया है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है। किन्तु यह मिथ्यारोप अतिशीघ्र ही निराधार होकर धराशायी हो जाता है जब हम इस बात से अवगत होते हैं कि इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने किस प्रकार महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है, समस्त परिस्थितियों उन के साथ न्याय किया है और उन्हें वो अधिकार प्रदान किये हैं जिनकी वह इस से पूर्व कल्पना भी नहीं कर सकती थी। यह लेख इन्हीं तत्वों को स्पष्ट करते हुये महिलाओं के साथ पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यवहार को प्रत्यक्ष करता है। .
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
वेलेंटाइन्स-डे की वास्तविकता और उसके विषय में इस्लामी दृष्टि कोण : हर वर्ष 14 फरवरी को विश्व भर मे धूम धाम से वेलेंटाइन्स-डे मनाया जाता है, किन्तु इसकी वास्तविकता क्या है और इसके विषय में इस्लामी दृष्टिकोण क्या है और एक मुसलमान के लिये इसको मनाना कैसा है, इस लेख में इन्हीं तत्वों को स्पष्ट किया गया है.
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मुहर्रमुल-हराम का महीना हुर्मत व अदब और प्रतिष्ठा वाला महीना है। इस महीने में आशूरा के दिन रोज़ा रखना मुस्तहब है जो पिछले एक वर्ष के गुनाहों का कफ्फारा हो जाता है। किन्तु अधिकांश मुसलमान इस से अनभिग हैं और इस महीने की हुर्मत को भंग करते हुए इसे शोक प्रकट करने, नौहा व मातम करने और सीना पीटने...आदि का महीना बना लिया है। यह लेख उपरोक्त तत्वों की वास्तविकता पर प्रकाश डालता है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
अल्लाह का महीना मुहर्रमुल-हराम एक महान और हुर्मत वाला महीना है, जिसे अल्लाह तआला ने आकाश एंव धरती की रचना करने के समयं ही से हुर्मत –सम्मान एंव प्रतिष्ठा- वाला घोषित किया है, तथा यह हिज्री-वर्ष का प्रथम महीना है। इस लेख में इस महीने की विशेषता तथा इस में करने योग्य कार्य का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह एक संछिप्त महत्वपूर्ण लेख है जिस में रोज़े के हुक्म, रोज़े के विषय में लोगों के विभिन्न वर्ग, रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ों तथा रोज़े संबंधित कुछ लाभदायक बातों का उल्लेख किया हया है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुर्रहमान अल-जिब्रीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस महत्वपूर्ण लेख में कुछ रोज़ेदारों से होने वाली 20 ग़लतियों या कमियों पर चेतावनी दी गयी है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-ईदान अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : सिद्दीक़ अहमद संशोधन : जलालुद्दीन प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर दिया गया है किः क्या मनुष्य को धर्म की आवश्यकता है? चुनाँचे मनुष्य के जीवन में धर्म की आवश्यकता के कारणों का वर्णन करके यह सिद्ध किया गया है कि मनुष्य को मौलिक रूप से घर्म (इस्लाम) की आवश्यकता है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में उम्रा की फज़ीलत, उम्रा करने का उचित तरीक़ा तथा उस के विषय में प्रायः लोगों से होने वाली ग़लतियों पर चेतावनी का उल्लेख किया गया है।