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- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
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- कुरआन के विज्ञान
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- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
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वित्तीय लेनदेन के मसायल का ज्ञान
आइटम्स की संख्या: 9
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- वित्तीय लेनदेन के मसायल का ज्ञान
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
आप से अनुरोध है कि इस्लामी बैंकिंग के बारे में किसी प्रामाणिक पुस्तक की सिफारिश करें ताकि मैं किसी नौकरी के लिए आवेदन करते या किसी व्यापारिक अनुबंध में प्रवेश करते समय इस बात को जानने पर सक्षम हो सकूँ कि जिस बैंक के साथ मैं लेन देन कर रहा हूँ वह वास्तव में एक इस्लामी बैंक है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हम एक चिकित्सा संस्थान हैं, हम अपने साथ अनुबंधित कंपनियों के बीमारों के लिए इलाज सेवायें देने के मैदान में काम करते हैं, कंपनियों के साथ अनुबंध की शर्तों में से एक यह है कि : रोगी हर बार हमारे पास आने (प्रत्येक विज़िट) के बदले एक निश्चित राशि का भुगतान करे गा, जो हमारे उस की कंपनी से कुल मांग की राशि से कट जाये गा। प्रश्न यह है कि : क्या शरीअत के दृष्टि कोण से हमारे लिए यह जाइज़ है कि हम उस राशि को जिसे रोगी भुगतान करता है समाप्त कर दें और उसे हम स्वयं उस की ओर से सहन करें, ताकि हम रोगियों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकें, और वे किसी अन्य सेवा प्रदाता पर हमें प्राथमिकता दें ? ज्ञात रहे कि ये कंपनियाँ बीमा की कंपनियाँ है जो उन कंपनियों के कर्मचारियों को चिकित्सा सेवाये प्रदान करने के मैदान में काम करती हैं जो इन के साथ और हमारे अलावा अन्य समान चिकित्सा संस्थाओं के साथ ठेका किये होती हैं।.
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
अत्तआउनिय्या नामी बीमा कंपनी के शेयरों को खरीदने का क्या हुक्म है जिस ने सऊदी शेयर बाज़ार में अपने शेयरों की पेशकश की है ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यदि हम क्रेडिट कार्ड जैसे कि वीज़ा, या मास्टर कार्ड लेना चाहें तो उस का बीमा करवाना अनिवार्य है ताकि अगर उस की चोरी हो जाये या उस के माध्यम से कोई दूसरा पैसे चोरी कर ले तो बीमा कंपनी के पास उस की गारंटी रहे।.
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
वर्ष 96 ई. में एक कार से मेरी दुर्घटना हो गई, और मैं अपने कागज़ात बीमा कंपनी को पेश करने वाला था, लेकिन मैं ने उसे पेश नहीं किया यहाँ तक कि वर्ष 2001 ई. में मेरे साथ एक दूसरी दुर्घटना हो गई, और इस में मेरे पास बीमा नहीं था, इस दुर्घटना के परिणाम स्वरूप मैं पक्षाघात से पीड़ित हो गया, और मुझे इलाज की आवश्यकता है, मैं बहुत गरीब हूँ , फिर भी अल्लाह का शुक्र है, और चूंकि मैं ने कोई भी उपाय नहीं छोड़ा मगर उसे करके देख लिया (फिर भी मेरा काम नहीं बना) तो क्या मैं अपने कागज़ात बीमा कंपनी के पास जमा कर सकता हूँ? मैं जिस पीड़ा और संकट में हूँ उसे अल्लाह तआला ही जानता है। मेरे लिए अल्लाह तआला से दुआ करें।.
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
आजकल प्रचलित वाणिज्यिक बीमा का क्या हुक्म है ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ने यह बात सुनी है कि बीमा हराम (निषिद्ध) है चाहे वह सहकारी बीमा हो या उस के अलावा कोई अन्य बीमा, मैं क्या करूं जबकि मैं ने अपनी कार और ड्राइविंग लाइसेंस का बीमा कराव लिया है, तथा मैं स्वास्थ्य और जीवन बीमा करवाने का भी इरादा रखता हूं ?
- हिन्दी वक्ता : सफीउर्रहमान मुबारकपूरी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
धरती पर जितने भी प्राणी हैं सब की रोज़ी का जिम्मेदार सर्वशक्तिमान अल्लाह है, और उस ने प्रत्येक व्यक्ति की एक नियमित जीविका लिख रखी है जिसे प्राप्त किए बिना वह नहीं मरेगा। तथा अल्लाह तआला ने रोज़ी कमाने के असबाब (कारण, उपाय) भी मुक़द्दर कर दिये हैं जिन को रोज़ी की प्राप्ति के लिए अपनान आवश्यक है। किन्तु मनुष्य चूँकि जल्दवाज़ पैदा किया गया है और उसके अंदर कंजूसी और धन का प्यार रख दिया गया है, इसलिए वह अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख पाता और रोज़ी कमाने के लिए सब से से आसान और संछिप्त उपाय और तरीक़ा तलाश करता है और हलाल और हराम की कोई परवाह नहीं करता है। इस तरह आदमी हराम कमाई और हराम खोरी में लग जाता है। हराम कमाई क्या है? आदमी की कमाई किन-किन कारणों से हराम हो जाती है? हराम कमाई का नुकसान और कुप्रभाव क्या है? ये सब और इन से संबंधित अन्य मुद्दे आप सुन सकते हैं इस आडिय में ।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
धन जीवन की रीढ़ की हड्डी और उसका आधार है, जिसके द्वारा इस्लामी शरीअत का उद्देश्य एक संतुलित समाज की स्थापना है जिस में सामाजिक न्याय का बोल बाला हो जो अपना तभी सदस्यों के लिए आदरणीय जीवन का प्रबंध करता है। और जब इस्लाम की दृष्टि में धन उन आवश्यकताओं में से एक है जिस से व्यक्ति या समूह बेनियाज़ नहीं हो सकते, तो अल्लाह तआला ने उसके कमाने और खर्च करने के तरीक़ों से संबंधित कुछ नियम बनाये हैं। इस लेख में संछिप्त रूप से उसी का उल्लेख किया गया है।