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महिलाओं के मसाईल
आइटम्स की संख्या: 2
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
पर्दा सर्वप्रथम अल्लाह की उपासना है, जिसे अल्लाह ने अपनी व्यापक व अपार तत्वदर्शिता से औरतों पर अनिवार्य कर दिया है। पर्दा नारी के लिए पवित्रता, शालीनता और सभ्यता का प्रतीक, तथा उसके सतीत्व व मर्यादा का रक्षक है। पर्दा वास्तव में नारी के लिए प्रतिष्ठा और सम्मान का पात्र है। यह उसकी व्यक्तगत स्वतंत्रता के विरूद्ध या उसके विकास में रुकावट अथवा उसके लिए कलंक नहीं है, जैसाकि इस्लाम की शिक्षाओं और उसकी तत्वदर्शिता से अनभिग लोग तथा पक्षपाती एवं दोहरे मापदंड वाली मीडिया ऐसा दर्शाने की कुप्रयास करती रहती है। प्रस्तुत लेख में इस्लाम के निकट पर्दा की वास्तविकता, उसकी तत्वदर्शिता व रहस्य, उसके उद्देश्य और अच्छे परिणाम का उल्लेख किया गया है। इसी तरह आज के गैर-इस्लामी समाज की दुर्दशा और भयावह आँकड़े को प्रस्तुत करते हुए उन्हें इस्लामी जीवनशैली की प्रतिष्ठा की झलक दिखाकर उससे लाभान्वित होने का आमंत्रण दिया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम के शत्रु निरंतर यह राग अलापते रहे हैं कि इस्लाम ने महिलाओं पर अत्याचार किया है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है। किन्तु यह मिथ्यारोप अतिशीघ्र ही निराधार होकर धराशायी हो जाता है जब हम इस बात से अवगत होते हैं कि इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने किस प्रकार महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है, समस्त परिस्थितियों उन के साथ न्याय किया है और उन्हें वो अधिकार प्रदान किये हैं जिनकी वह इस से पूर्व कल्पना भी नहीं कर सकती थी। यह लेख इन्हीं तत्वों को स्पष्ट करते हुये महिलाओं के साथ पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यवहार को प्रत्यक्ष करता है। .