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- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
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आवधिक अवसर
आइटम्स की संख्या: 66
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
अक्सर दोहराया जाता रहता है कि सफर का महीना नहूसत (अपशगुन, दुर्भाग्य) का महीना है, जिससे कुछ अवाम बहुत से मामलों में अपशकुन लेते हैं। चुनाँचे उदाहरण के तौर पर इस महीने में निकाह नहीं किया जाता है, इसी तरह कुछ लोगों का मानना है कि निकाह की सभा में लकड़ी तोड़ना या रस्सियों में गाँठ लगाना और उंगलियों में उंगलियाँ डालना जायज़ नहीं है ; क्योंकि इसकी वजह से यह विवाह विफल हो जायेगा और पति-पत्नी के बीच सामंजस्य नहीं बन पायेगा। चूँकि यह अक़ीदा को प्रभावित करता है, इसलिए कृपया नसीहत (सदुपदेश) करें और इस बारे में शरई प्रावधान स्पष्ट करें। अल्लाह तआला सभी लोगों को उस चीज़ की तौफीक़ प्रदान करने जिसे वह पसंद करता है और उससे प्रसन्न होता है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या मुसलमान का नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी करना सही है ? इस मुद्दे में विद्वानों का विचार क्या है ? इस हदीस की प्रामाणिकता क्या है और उसकी व्याख्या क्या है ? हनश से वर्णित है वह अली रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत करते हैं कि : ‘‘वह दो मेंढों की क़ुर्बानी करते थे, एक नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से और दूसरी अपनी तरफ से। उनसे इसके (कारण के) बारे में पूछा गया, तो उन्हों ने फरमाया : मुझे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसका आदेश दिया है। इसलिए मैं इसे कभी नहीं छोड़ूँगा।’’ इसे तिर्मिज़ी और अबू दाऊद ने रिवायत किया है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ईद की नमाज़ का हुक्म
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर है जिसका अंश यह है किः ईद की नमाज़ का हुक्म और उसका तरीक़ा क्या है ? और उसकी शर्तें और उसका समय क्या है ?
- हिन्दी
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जिस दिन पैदा हुए उसका क्या महत्तव है, तथा उस दिन को कब और कैते मनाया जाता है ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
मेरे ऊपर रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा अनिवार्य है और मैं आशूरा (दसवें मुहर्रम) का रोज़ा रखना चाहता हूँ। क्या मेरे लिए क़ज़ा करने से पहले आशूरा का रोज़ा रखना जाइज़ है ? तथा क्या मेरे लिए रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा की नीयत से आशूरा (यानी दसवें मुहर्रम) और ग्यारहवें मुहर्रम का रोज़ा रखना जाइज़ है ? और क्या मुझे आशूरा के रोज़े की फज़ीलत प्राप्त होगी ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
मैं इस वर्ष आशूरा (दसवें) मुहर्रम का रोज़ा रखना चाहता हूँ। मुझे कुछ लोगों ने बताया है कि सुन्नत का तरीक़ा यह है कि मैं आशूरा के साथ उसके पहले वाले दिन (नवें मुहर्रम) का भी रोज़ा रखूँ। तो क्या यह बात वर्णित है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसका मार्गदर्शन किया है ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
क्या यह जायज़ है कि मैं केवल आशूरा के दिन का रोज़ा रखूँ, उस से पहले एक दिन या उसके बाद एक दिन का रोज़ा न रखूँ ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
मैं ने सुना है कि आशूरा का रोज़ा पिछले साल के गुनाहों का कफ्फारा (प्रायश्चित) बन जाता है, तो क्या यह बात सही है ? और क्या हर गुनाह यहाँ तक कि बड़े गुनाहों का भी कफ्फारा बन जाता है ? फिर इस दिन के सम्मान का क्या कारण है ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
क्या मुहर्रम के महीने में अधिक से अधिक रोज़ा रखना सुन्नत है? और क्या इस महीने को इसके अलावा अन्य महीनों पर कोई फज़ीलत प्राप्त है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
क्या मौसमों (मौसमों से मेरा मक़सद मीलाद और आशूरा इत्यादि जैसे अवसर हैं) और ईदों में परिवारजनों -भाईयों और चचेरे भाईयों- का एकत्रित होना और एक साथ भोजन करना जाइज़ है ? तथा क़ुर्आन को याद करने (उसे खत्म) करने के बाद ऐसा करने वाले के बारे में क्या हुक्म है ?
- हिन्दी मुफ्ती : रिसर्च डिवीज़न दारुल-क़ासिम अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रमज़ानुल मुबारक के महीने से संबंधित महिलाओं के कुछ विशिष्ट प्रावधान हैं जिनके बारे में महिलाओं को जानकारी की आवश्यकता होती है और अक्सर उनके बारे में प्रश्न किया जाता रहता है। प्रस्तुत हैं ऐसे ही 18 प्रश्नों के उत्तर।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
रोज़ेदार को इफतार कराने पर क्या सवाब निष्कर्षित होता है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या मृतक के लिए क़ुर्बानी करना जाइज़ है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या उस व्यक्ति के लिए जो इस्लाम धर्म का अनुपालन करने वाला नहीं है, ईदुल अज़्हा की क़ुर्बानी के गोश्त से खाना जाइज़ है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या क़ुर्बानी का हुक्म पवित्र क़ुरआन में आया है, और वह किस आयत में आया है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क़ुर्बानी के बारे में बातचीत हुई, कुछ लोगों का विचार यह था कि मृतक पर कु़र्बानी की वसीयत वैध नहीं है, क्योंकि सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपनी मृत्यु के बाद वसीयत नहीं की थी, इसी तरह खुलफाये राशेदीन ने भी इसकी वसीयत नहीं की। इसी तरह कुछ भाईयों की राय यह थी कि क़ुर्बानी की क़ीमत का सद्क़ा करना उसकी क़ुर्बानी करने से बेहतर है। आप से अनुरोध है कि इस मामले में आप अपने विचार से हमें अवगत करायें।
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ने देखा है कि कुछ लोग जब ईद की नमाज़ के लिए आते हैं तो दो रक्अत नमाज़ पढ़ते हैं, जबकि कुछ लोग तक्बीर कहने में व्यस्त हो जाते हैं। आशा करता हूँ कि इन चीज़ों के बारे में शरीअत के हुक्म (नियम) को स्पष्ट करेंगे, और क्या ईद की नमाज़ के मस्जिद में होने या ईदगाह में होने के बीच कोई अंतर है
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या औरत पर ईद की नमाज़ अनिवार्य है और यदि अनिवार्य है तो क्या वह उसे घर में पढ़ेगी या ईदगाह में