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- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
कुछ लोग कहते हैं : यदि आप रमज़ान के दिन में किसी मुसलमान को खाते या पीते देखें तो आप पर उसको सूचित करना अनिवार्य नहीं है। क्योंकि उसे अल्लाह तआला ने खिलाया और पिलाया है। तो क्या यह बात सही है ?
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
उस आदमी का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के दिन में रोज़े की हालत में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लिया, फिर उसने बाद में सुना कि रोज़े की हालत में संभोग करना जाइज़ नहीं है ?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
एक महिला ने बिना किसी उज़्र (कारण) के सन् 1396 हिज्री में रमज़ान के तीन दिनों का रोज़ा तोड़ दिया, बल्कि उसने लापरवाही करते हुए ऐसा किया, तो इस बारे में अल्लाह का हुक्म (फैसला) क्या है और उस पर क्या अनिवार्य है ?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यदि मनुष्य रमज़ान के महीने का रोज़ा रखने और रमज़ान में नमाज़ पढ़ने का बहुत लालायित है, किन्तु रमज़ान समाप्त होते ही नमाज़ छोड़ देता है, तो क्या उसका रोज़ा शुद्ध (मान्य) है ?
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ने एक साल मासिक धर्म (माहवारी) के दिनों में रोज़ा तोड़ दिया और अभी तक उन दिनों का रोज़ा नहीं रख सकी हूँ। इस पर कई वर्ष बीत चुके हैं। मेरे ऊपर रोज़ों की जो क़र्ज़ है मैं उसका भुगतान करना चाहती हूँ। लेकिन मुझे यह ज्ञात नहीं कि मेरे ऊपर कितने दिनों के रोज़े बाक़ी हैं। इस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए ?
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
उस व्यक्ति का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा को छोड़ दिया जबकि उसके पास कोई उज़्र (बहाना, कारण) नहीं है, क्या उसके लिए क़ज़ा करने के साथ केवल तौबा कर लेने काफी है, या उस पर कफ्फारा अनिवार्य है ?
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
उस आदमी के बारे में इस्लामी शरीयत का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा को किसी कारणवश दूसरे रमज़ान के बाद तक विलंब कर दिया तथा एक दूसरे आदमी ने उसे बिना किसी कारण के विलंब कर दिया ?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह बात किसी पर रहस्य नहीं कि जिस व्यक्ति ने रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग कर लिया उस पर एक गुलाम आज़ाद करना, या लगातार दो महीने रोज़े रखना, या साठ मिस्कीनों को खाना खिलाना अनिवार्य है। प्रश्न यह है किः 1- अगर आदमी अपनी पत्नी से एक से अधिक बार और विभिन्न दिनों में संभोग कर ले, तो क्या वह प्रत्येक दिन के बदले दो महीना रोज़ा रखे गा, या केवल दो महीने का रोज़ा रख लेना उन सभी दिनों के लिए काफी है जिनमें उसने संभोग किया है? 2- यदि उसे इस बातकी जानकारी नहीं है कि जिसने अपनी पत्नी से संभोग किया है, उसपर उपर्युक्त हुक्म लगता है, बल्कि वह यह समझता था कि जितने दिन उसने अपनी पत्नी से संभोग किया है उसके बदले एक दिन क़ज़ा करना होगा। तो इसका क्या हुक्म है ? 3- क्या पत्नी पर भी उसी तरह अनिवार्य है जिस तरह पति पर अनिवार्य है ? 4- क्या खाने के स्थान पर पैसा भुगतान कर देना जाइज़ है ? 5- क्या अपनी तरफ से और पत्नी की तरफ से एक ही मिस्कीन को खाना खिलाना जाइज़ है ? 6- यदि खाना खिलाने के लिए किसी को न पाए तो किसी खैराती संस्था, उदाहरण के तौर पर रियाज़ में स्थित जम्ईयतुल बिर्र या किसी अन्य संस्था को देना जाइज़ है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मुझे इस बात की जानकारी है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने शक के दिन रोज़ा रखने से रोका है, इसी तरह रमज़ान के महीने से एक - दो दिन पहले रोज़ा रखने से भी मना किया है। किन्तु क्या मेरे लिये इन दिनों में पिछले रमज़ान के कुछ छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा करना जाइज़ है ?
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रोज़ा –व्रत-जिसे अल्लाह तआला ने अपने बंदों पर अनिवार्य किया है, उसके अंदर बहुत बड़ी तत्वदर्शिता और ढेर सारे फायदे और लाभ हैं, जिन से एक रोज़ा रखने वाला लाभान्वित होता है। इस लेख में इसी का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
लैलतुल क़द्र - एक महानतम रातः साल भर की रातों में श्रेष्ठतम और महानतम रात जिस में अल्लाह तआला ने अगना उत्तम कलाम क़ुर्आन अपने श्रेष्ठतम पैग़म्बर पर अवतरित किया, एक ऐसी रात जो 83 वर्ष से भी अधिक उच्चतर। आईये, खोजें कौन सी है यह रात और कैसे प्राप्त करें इसका सौभाग्य
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या रमज़ान में क़ियामुल्लैल की कोई निश्चित संख्या है या नहीं?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या रमज़ान के दिन में हराम बातें करने से मनुष्य का रोज़ा फासिद हो जाता है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
जिस आदमी ने बिना किसी कारण रमज़ान के रोज़े की अनिवार्यता से अनवगत होने के सबब कुछ दिनों का रोज़ा नहीं रखा तो क्या उस पर कज़ा वाजिब है?
- हिन्दी लेखक : आदिल बिन अली अश्शद्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में रमज़ान के महीने में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यवहार का उल्लेख निम्न बिन्दुओं में किया गया हैः 1-रोज़े की अनिवार्यता. 2-इस महीने में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अधिक से अधिक उपकसना करना. 3-रमज़ान महीने के सबूत और उस से निकलने में आप का तरीक़ा. 4- सेहरी और इफ्तार में आप का तरीक़ा. 5-रोज़ेदार के शिष्टाचार. 6-रमज़ान में यात्रा करने में आप का व्यवहार. 7-भूल कर खाने या पीने वाले की बाबत आप का व्यवहार. 8-रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ें. 9- एतिकाफ में आप का तरीक़ा।
- हिन्दी