कुछ महीने हुए एक युवा के साथ मेरी शादी हुई है जो एक नास्तिक देश में रहता है, और यह तथ्य कि उसने अपने परिवार, जो कि एक सभ्य और खुला परिवार है, के विरोध के बावजूद मेरे नक़ाब पहनने के विचार को स्वीकार कर लिया, मुझे प्रभावित करता है और वह मेरी दृष्टि में बहुत बड़ा बन गया है। जहाँ तक उसकी बात है तो वह समय बीतने के साथ धार्मिकता को और अधिक पसंद करने लगा और इस बात पर अल्लाह का गुणगान करता है कि उसे एक दीनदार (धर्मनिष्ठ) पत्नी प्रदान की, और मैं यह महसूस करने लगी कि मुझे कामयाब जोड़ी मिल गई। लेकनि मुझे प्रतीक हुआ कि वह मेरे काम करने के विषय पर ज़ोर देता है, वह मुझसे चाहता है कि मैं काम करने के लिए बाहर निकलूँ और कुछ पैसा कमाऊँ ताकि उसकी मदद कर सकूँ। वह कहता है कि वह आर्थिक रूप से स्थिर नहीं है और उसे मदद की आवश्यकता है, शायद वह अप्रत्यक्ष रूप से यह संकेत दे रहा है कि मैं अपने पिता को जो कि एक अमीर आदमी हैं, बताऊँ कि वह हमारी सहायता करें। यह बात कल्पना में भी नहीं थी, क्योंकि मैं एक ऐसी औरत हूँ कि घर पर रहना चाहती हूँ ताकि अपनी वैवाहिक जीवन और घर के मामलों की देखभाल करूँ, और मैं ने कई बार उस के साथ इस मुद्दे पर बात की है कि यह मेरे लिए किसी भी तरह उचित नहीं है, लेकिन वह मेरी बात को गंभीरता से नहीं लेता है, जिसकी वजह से मैं इस संबंध में अपने पिता से बात करने पर मजबूर हो गई ताकि वह हमारे लिए इसका समाधान खोजें। यह मुद्दा मुझे बहुत परेशान कर रहा है, और मैं इन सब का अंत करना चाहती हूँ। इसलिए मैं ने इस शादी के अनुबंध को रद्द करने अर्थात तलाक़ के बारे में सोचा है। लेकिन मुझे याद आ रहा है कि इस शादी पर सहमत होने से पहले मैं ने इस्तिखारा की नमाज़ पढ़ी थी, तथा मेरे माता पिता उससे और उसके परिवार से प्यार करते हैं, किंतु अब मैं अलग भावना का एहसास करती हूँ, और मै ने पाया है कि हमारे कुछ धार्मिक एवं सांसारिक मुद्दों के समझ से संबंधित हम दोनों के बीच विशाल अंतर पाया जाता है। तो मेरी समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ ॽ क्या कोई सलाह व नसीहत है ॽ