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इस्लाम का आह्वान

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    इस्लाम : इस वीडियो में बयान किया गया है कि इस्लाम क्या है? और क्या मानव को इस्लाम की जरूरत है? यह एकेश्वरवाद के साथ अल्लाह के लिए समर्पण, आज्ञाकारिता के साथ उसके अनुपालन और बहुदेववाद एवं बहुदेववादियों से अलगाव का नाम है। तथा इस्लामी धर्म की कुछ विशेषताओं ; न्याय, दया, प्रेम और सहिष्णुता आदि का उल्लेख किया गया है। और यह कि इस्लाम ही लोक परलोक में स्वभाग्य का कारण और पुनर्जन्म में मोक्ष के लिए रास्ता है।

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    इस वीडियो में यह उल्लेख किया गया है कि क़ुरआन करीम अल्लाह सर्वशक्तिमान का वचन है, जिसे अल्लाह ने अपने अंतिम सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर सर्वमानवजाति के मार्गदर्शन के लिए अवतरित किया है। अल्लाह ने संपूर्ण क़ुरआन लौहे-महफूज़ से एक ही बार में दुनियावी आकाश पर अवतरित किया, फिर थोड़ा-थोड़ा कर तेईस साल के दौरान आवश्यकता के अनुसार पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित किया। यह पवित्र ग्रंथ किसी प्रकार के हेर-फेर और परिवर्तन से सुरक्षित है क्योंकि अल्लाह ने इसकी रक्षा की ज़िम्मेवारी स्वयं ली है। यह अल्लाह का अनन्त चमत्कार है जिसके द्वारा अल्लाह ने मानव जाति और जिन्न को इसके समान कोई भी चीज़ प्रस्तुत करने की चुनौती दी है। इस ग्रंथ में स्वयं मानव जाति और उसकी वास्तविकता, इस संसार में उसके कर्तव्यों और उद्देश्य, तथा इस जीवन के बाद महाप्रलय के समाचार और उसकी घटनाओं इत्यादि का वर्णन है।

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    हिन्दी भाषा में यह एक संक्षिप्त भाषण है जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि इस्लाम धर्म में प्रवेश करने के लिए क्या करना है, तथा इस्लाम में प्रवेश करने के बाद उसे क्या सीखना चाहिए।

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    इस्लाम ही मानवता के लिए समाधान हैः अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मानवजाति को एक महान उद्देश्य के लिए पैदा किया है, और उनके लिए उसकी ओर मार्गदर्शन का प्रबंध किया है। चुनाँचे उनकी ओर सन्देष्टा भेजे, उन पर अपनी पुस्तकें अवतरित कीं। यहाँ तक कि इस अनुकम्पा को परिपूर्ण कर दिया और इस ऋंखला को हमारे सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर संपन्न कर दिया। क्योंकि अल्लाह ने आपको अंतिम सन्देष्टा बनाकर रहती दुनिया तक सभी मानवजाति के लिए संदेशवाहक बनाया है। अतः मानवजाति के लिए जीवन में सौभाग्य, तथा परलोक में मोक्ष और सफलता केवल इस्लाम के मार्ग में है, और वही उनके सभी समस्याओं का समाधान है। प्रस्तुत व्याख्यान में, यह स्पष्ट किया गया है कि इस्लाम ही मानवता के लिए एकमात्र समाधान क्यों है।

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    इस्लाम ही वह सत्य धर्म है जिसे अल्लाह तआला ने अपने बंदों के लिए पसंद फरमाया है, उसी के साथ अपने संदेश्वाहकों को भेजा और अपनी पुस्तकें अवतरित की हैं, तथा रहती दुनिया तक, अल्लाह सर्वशक्तिमान ने उसे हर समय काल और प्रति स्थान के लिए एक सर्वव्यापी धर्म बनाया है, जिसके अतिरिक्त कोई अन्य धर्म वह किसी भी मनुष्य से कदापि स्वीकार नहीं करेगा। अतः सर्व मानव जाति के लिए इस्लाम का अनुसरण और अनुपालन करना अनिवार्य है। क्योंकि इसी के पालन में उनके लिए लोक व परलोक में सफलता, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति है। तथा हमारे सृष्टा ने अपने इस धर्म को असंख्य गुणों और विशेषताओं से सुसज्जित किया है, प्रस्तुत भाषण में इस्लाम की कुछ विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है।

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    हमारे जन्म का उद्देश्य: अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य की उत्पत्ति की और धरती की समस्त चीज़ों की रचना करके उनके लिए इस दुनिया में जीवन यापन का बढ़िया प्रबंध किया तथा उन्हें असंख्य अनुकंपाओं और नेमतों से सम्मानित किया। लेकिन बहुत कम ही मनुष्य ऐसे हैं जो इस तथ्य पर मननचिंतन करते हैं कि हमारे जन्मदाता का इसके पीछे कोई लक्ष्य है अथवा उसने मनुष्य को व्यर्थ और अकारण बनाया है ॽ जबकि वास्तविकता यह है कोई बुद्धिमान अकारण कोई काम नहीं करता, तो फिर सर्वबुद्धिमान और सर्वज्ञानी अल्लाह सर्वशक्तिमान की यह रचना उद्देश्यहीन कैसे हो सकती हैॽ बल्कि इस ब्रह्माण्ड और उसके बीच मौजूद सृष्टि में मननचिंतन करने वाला इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि उसका एक महान रचयिता और सृष्टा है और वह अकेला है उसका कोई साझी और सहायक नहीं, वही एक मात्र सृष्टा, जन्मदाता और रचयिता है, वही स्वामी और पालनहार है, वही मृत्यु और जन्म देता है और वही सबको जीविका प्रदान करता है। अतः वही एकमात्र पूजा के योग्य और उपास्य व आराध्य है। वही सत्य पूज्य है और उसके अतिरिक्त जिसकी भी पूजा की जाती है वह असत्य और व्यर्थ है।

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    वेश्विक धर्मों में पूज्य की धारणाः इस धरती पर मानवजाति अनेक पूजा पत्रों की उपासना और आराधना करती है, बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि एक ही धर्म के मानने वालों में कई पूज्यो की धारणा पाई जाती है, किन्तु वास्तविकता यह है कि धर्म के मूल ग्रंथों के अध्य्यन से यह स्पष्ट होता है कि हर धर्म में केवल एक ही पूज्य की धारणा मिलती है। इस वीडियो में वेश्विक धर्मों जैसे किः हिन्दुमत, सिखमत, ईसाई-धर्म, यहूदी-धर्म, पारसी धर्म... के मूल ग्रंथों के हवालों से यह प्रमाणित और सिद्ध किया गया है कि सभी धर्मों में केवल एक पूज्य की उपासना का आदेश दिया गया है। साथ ही साथ इस में श्रोता विशेष कर गैर-मुस्लिमों के विभन्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।

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    भाषणकर्ता : ज़ाकिर नायिक

    वेश्विक धर्मों में पूज्य की धारणाः इस धरती पर मानवजाति अनेक पूजा पत्रों की उपासना और आराधना करती है, बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि एक ही धर्म के मानने वालों में कई पूज्यो की धारणा पाई जाती है, किन्तु वास्तविकता यह है कि धर्म के मूल ग्रंथों के अध्य्यन से यह स्पष्ट होता है कि हर धर्म में केवल एक ही पूज्य की धारणा मिलती है। इस वीडियो में वेश्विक धर्मों जैसे किः हिन्दुमत, सिखमत, ईसाई-धर्म, यहूदी-धर्म, पारसी धर्म... के मूल ग्रंथों के हवालों से यह प्रमाणित और सिद्ध किया गया है कि सभी धर्मों में केवल एक पूज्य की उपासना का आदेश दिया गया है। साथ ही साथ इस में श्रोता विशेष कर गैर-मुस्लिमों के विभन्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।

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    वेश्विक धर्मों में पूज्य की धारणाः इस धरती पर मानवजाति अनेक पूजा पत्रों की उपासना और आराधना करती है, बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि एक ही धर्म के मानने वालों में कई पूज्यो की धारणा पाई जाती है, किन्तु वास्तविकता यह है कि धर्म के मूल ग्रंथों के अध्य्यन से यह स्पष्ट होता है कि हर धर्म में केवल एक ही पूज्य की धारणा मिलती है। इस वीडियो में वेश्विक धर्मों जैसे किः हिन्दुमत, सिखमत, ईसाई-धर्म, यहूदी-धर्म, पारसी धर्म... के मूल ग्रंथों के हवालों से यह प्रमाणित और सिद्ध किया गया है कि सभी धर्मों में केवल एक पूज्य की उपासना का आदेश दिया गया है। साथ ही साथ इस में श्रोता विशेष कर गैर-मुस्लिमों के विभन्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।

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    भाषणकर्ता : ज़ाकिर नायिक

    वेश्विक धर्मों में पूज्य की धारणाः इस धरती पर मानवजाति अनेक पूजा पत्रों की उपासना और आराधना करती है, बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि एक ही धर्म के मानने वालों में कई पूज्यो की धारणा पाई जाती है, किन्तु वास्तविकता यह है कि धर्म के मूल ग्रंथों के अध्य्यन से यह स्पष्ट होता है कि हर धर्म में केवल एक ही पूज्य की धारणा मिलती है। इस वीडियो में वेश्विक धर्मों जैसे किः हिन्दुमत, सिखमत, ईसाई-धर्म, यहूदी-धर्म, पारसी धर्म... के मूल ग्रंथों के हवालों से यह प्रमाणित और सिद्ध किया गया है कि सभी धर्मों में केवल एक पूज्य की उपासना का आदेश दिया गया है। साथ ही साथ इस में श्रोता विशेष कर गैर-मुस्लिमों के विभन्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।

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    इस्लाम के शत्रु निरंतर यह राग अलापते रहे हैं कि इस्लाम ने महिलाओं पर अत्याचार किया है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है। किन्तु यह मिथ्यारोप अतिशीघ्र ही निराधार होकर धराशायी हो जाता है जब हम इस बात से अवगत होते हैं कि इस्लाम ने किस प्रकार महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है? समस्त परिस्थितियों में उन के साथ न्याय किया है और उन्हें वो अधिकार प्रदान किये हैं जिनकी वह इस से पूर्व कल्पना भी नहीं कर सकती थी। वास्तविकता यह है कि स्वयं नारी की स्वतंत्रता अधिकारों का आहवान करने वालों ने उसका अपमान किया है। इस वीडियो में इस्लाम के निकट विभिन्न छेत्रों में नारी के अधिकारों का उल्लेख किया गया है।

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    पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के संदेश की महानता : इसमें कोई संदेह नहीं कि पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित संदेश मानवजाति के लिए अल्लाह का सबसे संपूर्ण और अंतिम संदेश है। इसलिए मानवजाति के लिए इस दुनिया में सौभाग्य और परलोक में मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए अंतिम ईश्वरीय संदेश का अनुसरण व पालन करना है। प्रस्तुत व्याख्यान में, हमारे पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के संदेश की महानता के कुछ पहलुओं का वर्णन किया गया है।

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    यह एक हिंदू आचार्य के इस्लाम स्वीकारने की कहानी है जिसमें उन्हों ने अपने इस्लाम स्वीकारने के कारण का संक्षेप में वर्णन किया है।